- KYC (केवाईसी) (अपने ग्राहक को जानें) एक verification प्रक्रिया है जिसका उपयोग विशेष रूप से व्यवसाय, वित्तीय और विनियमित क्षेत्रों में ग्राहकों के साथ जुड़ने और जोखिमों को सत्यापित करने के लिए हैं।
- KYC (केवाईसी) का उपयोग मुख्य रूप से मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी जैसी अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए किया जाता है।
- संस्थान अपनी और अपने ग्राहक की बेहतर सुरक्षा के लिए KYC करवाते है।
- KYC ग्राहक का नाम, पता, जन्म तिथि और पहचान प्रमाण पत्र जैसी व्यक्तिगत जानकारी ग्राहक की पहचान की पुष्टि करने के लिए अति आवश्यक होता है।
- KYC से किसी भी संदिग्ध गतिविधि, धोखाधड़ी या असामान्य व्यवहार का पता लगाने के लिए ग्राहक के लेनदेन और खाते पर लगातार नज़र रख सकते है।

KYC (केवाईसी) के फायदे (Benefits) क्या है?
KYC (केवाईसी) ग्राहकों और संगठनों दोनों को ही लाभ प्रदान करता है, जिससे सुरक्षा में सुधार होता है। तो आइए जानते हैं इसके मुख्य फायदों के बारे में –
- KYC ग्राहकों की पहचान को Verified करता है, जिससे चोरी और धोखाधड़ी के जोखिम को कम किया जा सकता है।
- KYC यह सुनिश्चित करता है कि मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद और अवैध गतिविधियों को रोकता है।
- KYC यह सुनिश्चित करता है कि संस्थान नियामक आवश्यकताओं का पालन करने में मदद मिलती है।
- KYC गैरकानूनी गतिविधियों से जुड़े जोखिमों को कम करता है।
- eKYC (ईकेवाईसी) (ऑनलाइन KYC (केवाईसी)) एक त्वरित और सुविधाजनक प्रक्रिया को सक्षम बनाता है।
- एक बार KYC (केवाईसी) पूरा होने के बाद, ग्राहक ऋण, निवेश और ऋण सेवाओं तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
- KYC (केवाईसी) उच्च जोखिम वाले खातों को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद मिलती है।
- व्यक्तिगत डेटा की गोपनीयता की रक्षा कर सकते हैं।
- KYC (केवाईसी) ग्राहक डेटा को अधिक कुशलता से प्रबंधित करने में और सुरक्षित रूप से साझा करने में मदद करता है।
KYC (केवाईसी) जरूरी क्यों है?
बैंकों, वित्तीय संस्थानों, बीमा कंपनियों और अन्य संगठनों के लिए KYC (केवाईसी) प्रक्रियाएं अनिवार्य हैं
- KYC धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद जैसी गतिविधियों को रोकने में मदद करता है।
- KYC संगठनों को कानूनी आवश्यकताओं का पालन करने में मदद करता है, और विनियामक जोखिमों को कम करता है।
- कंपनियों को उचित सेवाएं प्रदान करने में मदद करता है और व्यक्तिगत जानकारी की रक्षा करता है।
- KYC न केवल ग्राहकों और संस्थानों के बीच विश्वास पैदा करता है बल्कि पूरी वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा को भी मजबूत करता है।
KYC Important क्यों है?
KYC (केवाईसी) का महत्व वित्तीय लेनदेन को सुरक्षित और पारदर्शी करने में आवश्यक भूमिका निभाता है। KYC (केवाईसी) ग्राहकों और संस्थानों के बीच विश्वास बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण है:
- KYC (केवाईसी) से ग्राहकों की पहचान और सत्यापन करके मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी और वित्तीय अपराधों को रोकने में मदद करता है।
- KYC अवैध लेनदेन पर अंकुश लगाकर वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में भूमिका निभाता है।
- KYC अधिक सुरक्षित और लेनदेन अधिक कुशल बना देता है।
- KYC अवैध गतिविधियों के लिए वित्तीय लेनदेन करने वाले अनधिकृत व्यक्तियों के जोखिम को कम करता है।
- KYC बैंकों, वित्तीय संस्थानों, बीमा कंपनियों और वित्तीय लेनदेन के लिए एक कानूनी आवश्यकता है।
- KYC वित्तीय संस्थानों और उनके ग्राहकों के बीच विश्वास को बढ़ावा देता है।
- KYC वित्तीय और प्रतिष्ठा के नुकसान की संभावना को कम करता है।
- eKYC (ईकेवाईसी), या आधार-आधारित KYC (केवाईसी) प्रक्रिया को और अधिक कुशल बना दिया है, जिससे ग्राहक मिनटों में online KYC (केवाईसी) पूरा कर सकते हैं।
- cKYC (सीकेवाईसी) ने (KYC (केवाईसी)) प्रक्रिया को और सरल बनाता है जिससे सुविधा और वित्तीय सेवाओं तक पहुंच में सुधार होता है।
- KYC (केवाईसी) प्रक्रियाओं से ग्राहकों की व्यक्तिगत जानकारी को Unauthorized activity से बचाता है।
KYC के Types:
KYC (केवाईसी), सत्यापन की विधि और नियामक आवश्यकताओं के आधार पर विभिन्न प्रकार के होते हैं। ये मुख्य प्रकार हैंः
- Aadar basedeKYC (केवाईसी) Online Verification:
KYC (केवाईसी) के लिए आधार विवरण का उपयोग, ग्राहक अपना आधार नंबर और सत्यापन बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट) के माध्यम से होता है। - OTP Based Online eKYC Verification:
आधार-पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजे गए OTP (वन-टाइम पासवर्ड) के माध्यम से होता है। - In-Person KYC (केवाईसी) Offline Verification:
ग्राहक को पासपोर्ट, पैन कार्ड, वोटर आईडी जैसे दस्तावेजों की हार्ड कॉपी जमा करते हैं। व्यक्तिगत रूप से इन दस्तावेजों का सत्यापन करता है। - Video based KYC (केवाईसी) Verification:
ग्राहकों को लाइव वीडियो कॉल के माध्यम से सत्यापित किया जाता है। ग्राहक अपने आई. डी. दिखाते हैं, और प्रतिनिधि उनकी पहचान की पुष्टि करता है। - Central KYC (cKYC) Verification:
यह एक Central KYC प्रक्रिया है जहाँ ग्राहक की जानकारी को संग्रहीत किया जाता है जिससे कई के. वाई. सी. प्रक्रियाओं की आवश्यकता कम हो जाती है। - E-KYC Verification:
कुछ लेनदेन सीमाओं के साथ खातों या वॉलेट का उपयोग किया जाता है। केवल मोबाइल नंबर या सरकारी आईडी जैसे विवरणों की आवश्यकता होती है।
KYC documents की list?
ग्राहकों की पहचान और पते को सत्यापित करने के लिए KYC (केवाईसी) (अपने ग्राहक को जानें) दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। KYC (केवाईसी) दस्तावेजों की सूची यहां दी गई हैः
पहचान प्रमाण documents:
Aadhar Card
Passport
Pan card
Driving licence
Passport size Photograph
Voter ID Card
Electricity Bill, Water Bill (not older than 3 months)
Bank Passbook (not older than 3 months)
Aadhar-Based KYC (केवाईसी) या Online KYC कैसे करें?
भारत में Aadar based KYC (केवाईसी) को पूरा करने के लिए, आप निचे दिए गए चरणों का पालन कर सकते हैं। यह online KYC (केवाईसी) प्रक्रिया कागज रहित, fast और सुरक्षित है।
Aadhaar-Based eKYC (Online KYC):
Aadhaar-based eKYC वित्तीय संस्थान या सेवा प्रदाता जैसे बैंक, बीमा कंपनी की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जा कर आपको KYC (केवाईसी) पूरा करने की आवश्यकता है।
Locate the eKYC Section:
KYC (केवाईसी) section या account verification पेज पर aadhar based eKYC (केवाईसी) या online KYC (केवाईसी) का चयन करें।
Enter Aadhaar Details:
Option मिलने पर अपनी 12 अंकों की aadhar number दर्ज करें।
Complete OTP Verification:
आपके Mobile number पर एक वन टाइम पासवर्ड (OTP) भेजा जाएगा। पुष्टि करने के लिए screen पर यह ओ. टी. पी. दर्ज करें। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण database से सीधे आपके विवरण, जैसे नाम, पता, जन्म तिथि और फोटो तक पहुंचने के लिए सहमति के रूप में कार्य करता है।
Complete Biometric Verification:
कुछ खातों के लिए, आपको बायोमेट्रिक सत्यापन पूरा करने की आवश्यकता हो सकती है। इसके लिए आपको किसी शाखा में जाने या बायोमेट्रिक उपकरण का उपयोग करने की आवश्यकता होती है जो आपके फिंगरप्रिंट या आईरिस को स्कैन करता है। एक बार जब आप OTP डाल देते है तो आपकी information तुरंत सत्यापित हो जाती है। इससे पुष्टि हो जाती है कि आपका eKYC (केवाईसी) पूरा हो गया है।
गोपनीयता और डेटा सुरक्षाः
अपनी information को केवल आवश्यक संस्थान के साथ साझा कर सकते हैं और गोपनीयता की रक्षा के लिए आपकी आधार संख्या को छिपाया जा सकता है।
दस्तावेज़-मुक्त प्रक्रियाः
Aadhar based eKYC (केवाईसी) physical documents की आवश्यकता को समाप्त करता है, और process को सरल बनाता है। Aadhar based eKYC (केवाईसी) बैंक खाते खोलने, सिम कार्ड प्राप्त करने और अन्य सेवाओं के लिए KYC (केवाईसी) आवश्यकताओं को पूरा करने का एक सुविधाजनक तरीका प्रदान करता है।
KYC (केवाईसी) Offline कैसे करें?
KYC (केवाईसी) offline पूरा करने के लिए, आपको आवश्यक documents को physically रूप से जमा करने होंगे और office में अपनी पहचान सत्यापित करना होगा यहाँ offline KYC (केवाईसी) के लिए चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका दी गई हैः
निकटतम Branch/Service केंद्र पर जाएँः
Branch/Service सेवा केंद्र पर जाएं जिसके आप अपना KYC (केवाईसी) पूरा कर सकते है।
KYC (केवाईसी) form प्राप्त करें और भरेंः
शाखा में जा कर KYC form का अनुरोध करें, या Website से डाउनलोड करें।
Name, address, contact detail और अपनी व्यक्तिगत जानकारी के साथ फॉर्म भरें।
पहचान का प्रमाण (पीओआई) और address का प्रमाण जमा करें
Submit Your Proof of Identity document:
आधार, पैन कार्ड, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र या ड्राइविंग लाइसेंस।
Submit Your Proof Address:
आधार कार्ड, पासपोर्ट, उपयोगिता बिल या बैंक विवरण (usually not older than 3 months).
एक हालिया Photograph संलग्न करेंः
यदि आवश्यक हो तो KYC प्रपत्र के साथ हाल ही में पासपोर्ट आकार की तस्वीर संलग्न करें।
अपना Signature:
आवश्यकतानुसार फॉर्म पर हस्ताक्षर करें। कुछ documents पर अतिरिक्त हस्ताक्षर की आवश्यकता हो सकती है।
प्रतिनिधि द्वारा सत्यापनः
शाखा प्रतिनिधि व्यक्तिगत रूप से दस्तावेजों का सत्यापन करेंगे। इसमें documents की जांच करना और सत्यापन के लिए एक लाइव photograph लेना भी शामिल हो सकता है।
Receipt प्राप्त करेंः
एक बार KYC (केवाईसी) पूरा हो जाने के बाद, शाखा एक रसीद प्रदान करेगी। इस प्रक्रिया में कुछ दिन लग सकते हैं, और KYC (केवाईसी) सत्यापन के बाद प्रदाता आपको सूचित करेंगे।
KYC कब आवश्यक है?
धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और terrorism financing से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए कई स्थितियों में KYC (केवाईसी) की आवश्यकता होती है।
- Savings Account, Current account, और fixed deposit account, किसी भी प्रकार का बैंक खाता खोलते समय KYC (केवाईसी) अनिवार्य होती है।
- Stock trading, Mutual funds या किसी भी investment account में identity verification के लिए KYC (केवाईसी) की आवश्यकता होती है।
- सीमाओं से ऊपर के लेनदेन के लिए KYC की आवश्यकता होती है।
- KYC की आवश्यकता तब ज्यादा होती है जब individuals या businesses अपनी identity verification करने के लिए loans, credit cards, या अन्य प्रकार के credits के लिए आवेदन करते हैं।
- जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा खरीदते समय, पॉलिसीधारक की पहचान और विवरण की पुष्टि करने के लिए KYC किया जाता है।
- बड़े वित्तीय लेनदेन के लिए, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य वित्तीय अपराधों को रोकने के लिए KYC आवश्यक है।
- अपने Account में जैसे पता, फोन नंबर या नाम में बदलाव के लिए KYC की आवश्यकता होती है।
KYC (केवाईसी) और eKYC (ईकेवाईसी) में क्या अंतर (Diffirence) है?
KYC (केवाईसी) और eKYC (ईकेवाईसी) के बीच प्राथमिक अंतर ग्राहक की पहचान को सत्यापित करने की एक प्रक्रिया है। यहां पर हमने विस्तार से समझाने के पूरी कोशिश की है:
परिभाषा (Definition)
KYC (केवाईसी) वित्तीय संस्थानों द्वारा Hard Copy Documents के माध्यम से ग्राहकों की Identity और address को सत्यापित करने की एक पारंपरिक प्रक्रिया है।
eKYC (इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी) भारत में इलेक्ट्रॉनिक तरीकों, Aadhar Based प्रमाणीकरण का उपयोग करके सत्यापित करने की एक डिजिटल प्रक्रिया है।
KYC (केवाईसी):
- ग्राहक पहचान और पते के प्रमाण की hard copies (फोटोकॉपी) जमा करते हैं।
- Documents को संस्था द्वारा Verify किया जाता है।
- Form भरना और Pan Card, Aadhar Card, Passport आदि documents की फोटोकॉपी संलग्न कर सकते है।
- संस्थान इन दस्तावेजों को स्थानीय रूप से सत्यापित और संग्रहीत करता है।
- इस प्रक्रिया में physical appearance (उपस्थिति) और manual varification की आवश्यकता होती है।
- इस प्रक्रिया को पूरा होने में कुछ दिन या सप्ताह भी लगते हैं।
- ग्राहकों को कई physical document जमा करने होते है जैसे कि Aadhaar, PAN, voter ID, utility bills).
- ग्राहक को संस्थान में जाने या भौतिक दस्तावेज भेजने की आवश्यकता होती है।
eKYC (ईकेवाईसी):
- Aadhar-Based OTP या बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का उपयोग करते है।
- ग्राहक की information direct UIDAI database से प्राप्त करते है।
- यह एक paparless process होती है जहां पर ग्राहक अपना Aadhar number प्रदान करता है।
- संस्थान सीधे UIDAI database से संपर्क बनाकर ग्राहक को veryfied करता है।
- इस process को मिनटों में पूरा किया जा सकता है और कुशल, वास्तविक समय सत्यापन के साथ।
- eKYC करने के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों और ओटिपी या बायोमेट्रिक जैसी तकनीकों का उपयोग करता है।
- सिर्फ Aadhar Card या virtual ID की आवश्यकता होती है और किसी अतिरिक्त दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं है।
- यह अधिक सुरक्षित होता है क्योंकि data सीधे ग्राहक की सहमति से (UIDAI) से प्राप्त किया जाता है।
- यह अधिक सुविधाजनक होता है क्योंकि इसे (online) कही से भी पूरा किया जा सकता है।
KYC और cKYC में क्या अंतर (Diffirence) है?
KYC और cKYC (केंद्रीय KYC) दो अलग अलग वित्तीय लेनदेन में ग्राहकों की पहचान को सत्यापित करने की प्रक्रियाएं हैं मुख्य अंतर जो इस प्रकार हैं –
परिभाषा (Defination):
KYC बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा Pan card, Aadhar card, Passport आदि documents को एकत्र और सत्यापित करके अपने ग्राहकों की पहचान को सत्यापित करने की एक प्रक्रिया है।
cKYC (केंद्रीय KYC) भारत सरकार द्वारा संस्थानों में cKYC शुरू की गई एक केंद्रीकृत प्रणाली है। ग्राहक विवरण cKYC रिकॉर्ड एक केंद्रीय भंडार में संग्रहीत किए जाते हैं।
KYC (केवाईसी):
- यह सुनिश्चित करता है कि उनके ग्राहक कौन हैं और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग नियमों का पालन करते हैं।
- प्रत्येक वित्तीय संस्थान KYC के द्वारा Documents को एकत्र करता है, verify करता है और उनको store करता है।
- प्रत्येक संस्थान का अपना डेटाबेस (Database) रखता है।
- KYC Banks, mutual fund और बीमा व्यक्तिगत संस्थानों पर लागू होता है।
- वित्तीय संस्थान अपनी KYC प्रक्रियाओं को विनियमित और प्रबंधित करते हैं।
- भारत में एक मानक नियामक आवश्यकता के रूप में दशकों से व्यवहार में है।
- Documets को प्रत्येक संस्थान के लिए अलग से verify किया जाता है।
cKYC (सीकेवाईसी):
- ग्राहकों की जानकारी का एक database होता है जिससे documents संस्थानों में दोहराए जाने वाली KYC प्रक्रियाओं से बचते है।
- ग्राहक केवल एक बार अपने दस्तावेज प्रदान करते हैं। और documents cKYC रजिस्ट्री में upload हो जाते हैं जिससे वित्तीय संस्थान के साथ साझा किया जा सकता है।
- बैंकों, बीमा कंपनियों, म्यूचुअल फंड और अन्य वित्तीय सेवा प्रदाताओं सहित सभी समान रूप से लागू होता है।
- दस्तावेजों को केवल एक बार जमा करने की आवश्यकता होती है। cKYC रजिस्ट्री के अनुरोध पर संस्थानों के साथ सत्यापित जानकारी साझा कर सकती है।
- KYC प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए सबसे पहले 2016 में पेश किया गया था।
- ग्राहकों को 14 अंकों की cKYC आईडी (केआईएन) जारी करता है।
eKYC और cKYC में क्या अंतर है?
eKYC (Electronic know your customer) और cKYC (Central KYC) दोनों अलग प्रक्रियाएं हैं जिनका उपयोग वित्तीय लेनदेन में ग्राहक की पहचान को सत्यापित करने के लिए किया जाता है, लेकिन वे
कार्य क्षेत्र में भिन्न होती हैं।
- परिभाषा (Definition)
eKYC (Electronic KYC) इलेक्ट्रॉनिक एक डिजिटल प्रक्रिया है जो इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ग्राहक की पहचान को सत्यापित करता है जैसे Aadhar-based या डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से।
cKYC (Central KYC) एक Central Database है जहाँ ग्राहक की KYC विवरण संग्रहीत जाती है और वित्तीय संस्थानों में साझा (Share) की जाती हैं। ताकि बार-बार केवाईसी Documents जमा करने करने से बचा जा सके।
eKYC (ईकेवाईसी):
- तेज और कागज रहित।
- डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग करके त्वरित सत्यापन की सुविधा प्रदान करता है।
- पहचान सत्यापित करने के लिए Aadhar-based बायोमेट्रिक या OTP का उपयोग करें।
- ग्राहक के documents सीधे UIDAI के डेटाबेस से प्राप्त किया जाता है।
- डेटा Share करने के लिए ग्राहक की सहमति की आवश्यक होती है।
- इसके लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी की आवश्यकता होती है।
- मुख्य रूप से खाता खोलने, निवेश करने की लिए पहचान सत्यापन के लिए उपयोग किया जाता है।
- केवल आधार संख्या या वर्चुअल आईडी की आवश्यकता होती है और किसी दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं है।
cKYC (सीकेवाईसी):
- ग्राहक के रिकॉर्ड को संग्रहीत करने और उन्हें संस्थानों में साझा करने के लिए होती है।
- ग्राहक एक बार दस्तावेज़ जमा करते हैं, और सत्यापित होने के बाद cKYC रजिस्ट्री में संग्रहीत किया जाता है।
- ग्राहक को एक 14 अंकों की आईडी जारी की जाती है।
- संस्थान इस सीकेवाईसी आईडी का उपयोग करके केवाईसी जानकारी प्राप्त करते हैं।
- ग्राहक की जानकारी को केंद्रीय रूप से संग्रहीत किया जाता है लेकिन इसमें दस्तावेजों को भौतिक या डिजिटल रूप से जमा करना होता है।
Frequently Asked Question (FAQ) for KYC (केवाईसी)
- KYC (केवाईसी) क्या है?
उत्तरः KYC (केवाईसी) का अर्थ है अपने ग्राहक को जानें (Know your custormer), एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य अवैध गतिविधियों को रोका जा सकता है।
- KYC की full form क्या है?
Know Your Customer (अपने ग्राहक को जानें).
- KYC (केवाईसी) की आवश्यकता क्यों है?
उत्तरः KYC (केवाईसी) यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि वित्तीय संस्थान केवल सत्यापित व्यक्तियों और संस्थाओं के साथ व्यापार करें, इस प्रकार धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग सहित वित्तीय अपराधों को रोकने में मदद करें।
- KYC (केवाईसी) कब अनिवार्य है?
उत्तरः बैंक खाता खोलते के लिए, Bank से loan लेने के लिए या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए, म्यूचुअल फंड या शेयरों में निवेश करने के लिए, बीमा करने के लिए और अत्यधिक लेनदेन करने के लिए KYC (केवाईसी) अनिवार्य होता है।
- KYC के विभिन्न प्रकार क्या हैं?
KYC (केवाईसी) के दो मुख्य प्रकार हैंः Aadhar-based eKYC और व्यक्तिगत या भौतिक KYC (केवाईसी) हैं।
- आधार आधारित eKYC क्या है?
उत्तरः Aadhar-based eKYC (केवाईसी) एक Paperless प्रक्रिया है जो ग्राहक की पहचान और पते को प्रमाणित करने के लिए Aadhar Card और OTP का उपयोग करती है।
- KYC (केवाईसी) के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है?
उत्तरः आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस और उपयोगिता बिल शामिल हैं।
- मैं ऑनलाइन (Online) KYC (केवाईसी) कैसे पूरा करूं?
उत्तरः आप अपने आधार जानकारी दे के, और पर्याप्त हुए मोबाइल नंबर पर OTP को दर्ज करके और register वेबसाइट के माध्यम से Verify करके KYC को ऑनलाइन पूरा कर सकते हैं।
- मैं KYC (केवाईसी) ऑफ़लाइन (Offline) कैसे पूरा करूं?
उत्तरः आप अपने पहचान प्रमाण पत्र और पते के प्रमाण दस्तावेजों के साथ KYC सेवा केंद्र पर जाएं, KYC (केवाईसी) फॉर्म भरने के बाद सत्यापन के लिए अपने भी दस्तावेज जमा करें।
- क्या मैं अपने KYC विवरण को अपडेट कर सकता हूँ यदि वे बदल जाते हैं?
उत्तरः हां, आप अपने दस्तावेज जमा करके जैसे कि अपना पता, फोन नंबर या अन्य व्यक्तिगत जानकारी को Update कर सकते हैं।
- cKYC (केवाईसी) (सेंट्रल KYC (केवाईसी)) क्या है?
उत्तरः cKYC सरकार द्वारा एक केंद्रीकृत KYC (केवाईसी) रजिस्ट्री है, जो ग्राहकों को एक बार KYC पूरा करने और कई वित्तीय संस्थानों में इसका उपयोग करने की अनुमति देती है।
- क्या नाबालिगों के लिए KYC (केवाईसी) आवश्यक है?
उत्तरः हाँ, अपने अभिभावक के दस्तावेजों भी को लगा कर KYC पूरा कर सकते है। जब आप 18 वर्ष के हो जाये तो KYC को update करने की आवश्यकता होगी।
- क्या onliine KYC पूरा करना सुरक्षित है?
उत्तरः हाँ, online KYC सुरक्षित है। क्योकि यह एन्क्रिप्टेड (Encrypted) है, और व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा नियमों के अनुसार संरक्षित है।
- क्या भारतीय (NRI) KYC पूरा कर सकते हैं?
उत्तरः हां, NRI अपना KYC पूरा कर सकते हैं, हालांकि इसके लिए आपको विदेशी निवास प्रमाण पत्र और एक ओसीआई कार्ड की आवश्यकता होगी।
- अगर मैं KYC (केवाईसी) पूरा नहीं करता तो क्या होगा?
उत्तरः यदि आप अपना KYC पूरा नहीं करते है, तो आपका खाता सीमित या निलंबित हो सकता है, और कुछ सेवाओं तक पहुंचने से प्रतिबंधित किया जा सकता है।